Comedy Story In Hindi 2023

 



Read this hilarious story of a political leader who makes fool innocent people by making false promises as politicians commonly do. You can stop yourself by reading this comedy story in Hindi where a Neta Ji failed to keep his promise and, instead of an apology, he shows it as his achievements and wins the election. Read his comedy story in Hindi to know how he does it always.

लाल बत्ती वाली गाड़िओ का काफिला रैली मैदान के पास पहुँच जाता है। साईरन की आवाज़ से पंडाल में बैठे लोग एकदम से हरकत में आ गये। ‘ देश सेवा खा मेवा’ पार्टी ज़िंदाबाद, रमलू बाबू ज़िंदाबाद , ‘लघुतम जी’ ज़िंदाबाद के नारो से पंडाल गूँज उठा।

पार्टी प्रधान रमलू बाबू के भाषण के बाद अब लघुतम जी की बारी थी क्योकि ये चुनाव छेत्र उनका था, लोग उनके छेत्र की भलाई के लिए किये गए कामो से संतुष्ट नहीं थे। जैसे ही वो माइक के सामने आये लोगो ने सवालो की झड़ी लगा दी।

” नेता जी, सबसे पहले तो बात करते है हमारे छेत्र की सड़को की, जैसी इनकी हालत इतनी खराब अब है वैसी तो पहले तो कभी न  थी। कहते थे बिक्कुल नए बना देंगे, एक गड्ढा तक नहीं भरा”, छेत्र के एक  व्यापारी ने कहा।

हां सही बात है, बिलकुल सही बात है, पीछे से और भी आवाज़े आने लगी।

“कैसे यकीन करे की इस बार आप हमारे सड़को को नयी जैसी बना देंगे या कम से कम सड़को में जो इतने बड़े बड़े गड्ढे हो गए है उनको ही भरवा दोगे कैसे यकीन कर ले आपका, ” ‘मेरा घर मेरा घरोंदा’ हाउसिंग सोसाइटी के प्रधान ने लघुतम जी से पूछा।

Comedy Story in Hindi 2023

लघुतम जी ने दोनों हाथ जोड़ते हुए कहा, ” मैं अपने यहाँ कोई झूठा वायदा करने नहीं आया। मैंने ना तो पहले सड़के बनवाई थी और न ही अब बनवाऊंगा। आप पहले मेरी बात पूरी तरह से सुनले उनके बाद ही फैसला करे की आपको अपना कीमती वोट किसे देना है।”

लघुतम जी ने आगे कहना शुरू किया,” मेरे प्यारे भाइयो और बहनों, पिता माता  सामान बुजुर्गो और प्यारे बच्चो, जब पिछले बार आप लोगो ने मुझे अपना वोट दिया था तो मैं भी पुरे जोश में था। मैं जनता  के साथ  किये गए वादे पूरे करना चाहता था और उनमें से सबसे पहले सड़के बनवाऊंगा।

लेकिन, लेकिन मेरे छोटे से दिमाग में कई बाते आयी, और मैंने जब यह सभी बातें अपने पार्टी के सीनियर नेताओ से की हमने यह पाया की इन खराब सड़को के बहुत सारे लाभ छेत्र के लोगो को मिल रहे है। उसकी बाद मैंने यह फैसला किया की मैं इन सड़को को कभी नहीं बनवाऊँगा।

अब मैं आप सब को एक एक करके इन सभी फायदों के बारे में बताओगे और आप ही बताना की मैंने ठीक किया या गलत।

मैंने अपने छेत्र के लोगो के लोगो की शहर के लोगो के से तुलना की। मैंने ये पाया की शहर के लोग बहुत सी बिमारिओ से पीड़ित है। जिन में से प्रमुख है  मोटापा, कब्ज़ और डाइबिटीज़ जिसको हम शुगर भी कहते है।

सुनने में छोटी सी बीमारी लगती है मोटापा और कब्ज़ बहुत से लोग तो इनको बीमारी मानते ही नहीं लेकिन   मैं तो इनको बीमारी ही मानता हूँ क्यों बहुत सारी बड़ी बिमारिओ की जड़ है यह दो बीमारिया।

लेकिन भगवान् की कृपा से हमारे छेत्र के लोग इन नामुराद बिमारिओ  से बचे हुए हैं। हमारे छेत्र के लोग सेहतमंद हैं इसका एक मुख्य कारन हैं हमारे छेत्र की  सड़के ।

Comedy Story in Hindi 2023

पहले तो बात करते है मोटापे की। हमारे छेत्र के लोगो में मोटापे जैसे कोई चीज़ है ही नहीं सब के सब फिट है। और कोई मोटा हो भी नहीं सकता क्यों की हमारे छेत्र की सडको  की हालत ऐसी हैं की जो कोई भी इन सड़को पर सफर करता  हैं उसकी फालतू की चर्बी सफर करने से वैसे ही खत्म हो जाती है और व वो स्वस्थ रहता  हैं। बेशक वो हफ्ते में एक बार ही सफर करता  हो।

भगवान्  की दया  से हमारे छेत्र के लोगो के पास स्कूटर , मोटर साइकिल , या कार हैं। साइकिल चलाने वाले न मात्र हैं। इन लोगो के पास कसरत करने का समय ही नहीं हैं। कारण चाहे कोई भी हो। कुछ लोग रात को देर सो सोते है टीवी देखे रहते है या स्मार्ट फ़ोन पर अपना ज्यादातर समय बिताते है। कुछ लोग सुबह जल्दी उठना नहीं चाहते लेकिन फिर भी सभी तंदुरुस्त है।

तो जब ये लोग सड़को पर सफर करते है तो इनकी कसरत अपने आप ही हो जाती हैं। जो दस पंद्रह दिन में सफर करते है वो भी फिट है। जो लोग हर रोज़ सफर करते है वो तो बिलकुल पतले है। एकदम फिट, हमारे पुराने लोग ठीक ही कहते थी की सेहत की सबसे बड़ा खज़ाना है।

तो यह एक बड़ा कारण है हमारे छेत्र के लोगो के सेहतमंद होने का। शहर के लोग हज़ारो रुपया प्रति माह  खरच करते है मोटापा कम करने के लिए और हज़ारो रूपए की दवा भी कहते है सिर्फ और सिर्फ मोटापा कम करनी के लिए। आप सब लोगो सेहतमंद तो रहते ही हो साथ में हज़ारो रूपए की बचत भी करते हो।

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और दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है कब्ज़, जितना छोटा नाम उससे कई गुना बड़ा शरीर को नुक्सान। जड़ है बहुत साडी बिमारिओ की यह कब्ज़। और अब फिर वो ही शहर के लोग फिर हज़ारो रूपए खरच करते है इस कब्ज़ से छुटकारा पाने के लिए। लेकिन हमारे यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं है सिर्फ इन बुरी कही जाने वाली सड़को के वजह से।

हमारे कसबे में लोग दूर दूर से आते है कब्ज़ दूर करने लिए।डॉक्टर तक सलाह देते है की अगर कब्ज़ पुराणी हो गयी हो तो हमारे छेत्र में जाओ और बस एक हफ्ता का सफर कोर्स करलो।

मैं  तो यहाँ तक दवा करता हूँ की जो हमारी इन सड़को पर लगातार एक हफ्ते तक सफर कर ले तो उसकी पुराणी  से पुराणी  कब्ज भी दूर हो जाएगी। और ये मेरा निज्जी तजुरबा हैं।

जब भी मुझे कब्ज़  होती हैं तो मैं दवा नहीं खाता बल्कि इन सड़को पर सफर  कर लेता  हूँ  और मेरी सारी कबज  दूर  हो जाती  हैं ।

हमारे  छेत्र के लोग खाने  पीने  के बहुत  शौकीन हैं युवा  वर्ग तो बर्गर, नूडल्स, पिज़्ज़ा, टिक्की, चाट, दही, भल्ले, मंचूरियन, समोसे, गोल गप्पे,  हॉट डॉग,  आदि फल सब्ज़िओ से कही ज्यादा खाते है।  लेकिन फिर भी फिट है। एक ही कारण है सबका भला करने वाली सिर्फ हमारी सड़के।

एक और महत्वपूर्ण कारन है एक्सीडेंट से बचाव, हमें अछि  तरह से पता है की हमारे बच्चे ये युवा वर्ग  स्कूटर, मोटर साइकिल कितनी स्पीड से चलते है, बोलो चलते है की नहीं, अपने दिल पे हाथ रख के बोलो”, लघुतम जी ने भीड़ से पूछा ?”

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” बिलकुल सही है नेता जी, और जवान जी क्यों बहुत से और लोग भी है जो बहुत तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाते है,” भीड़ में से बहुत से लोगो की आवाज़ सहमति से आने लगी।

लघुतम जी ने दोबारा भाषण देना शुरू किया,” अब  यह अपने गुल्लू के बेटे की बात कर लो, जब वो शहर गया था मोटर साइकिल तेज़ रफ़्तार से चला रहा था और एक्सीडेंट हो गया, महीनो हस्पताल में रहा। यह बैठा है गुल्लू, पूछो इस से कैसा बुरा टाइम था, जिस पर बीतती है न उसको को पता होता है। क्यों गुल्लो क्या कहतो हो ?”

” नेता जी, मैं तो उस बुरे टाइम के को याद भी नहीं करना चाहता। बेटे की जान बड़ी मुश्किल से बची थी और मेरी ज़िंदगी भर की कमाई भी तो लग गयी। मुझे तो कोई शिकायत नहीं है सड़को से। न सड़के बने और नहीं ज्यादा स्पीड से गाड़ी चले। आधा घंटा लेट पहुँच जायेगे, दो महीने हस्पताल या घर पे बैठने से तो अच्छा ही है न,” गुल्लू ने दुखी होकर बताया।

” और अब आप सब अपने दिल पे हाथ रखकर बताओ की कौन चाहेगा की उसके बेटा, बेटी या परिवार के किसी भी मेंबर के साथ ऐसी घटना हो, बहुत बुरा नाम है ये एक्सीडेंट,” इसी  कारण सड़के बनवाने का मन ही नहीं करता।

शहरों में ट्रैफिक पुलिस है, गति सीमा है, चालान काटती है ये ट्रैफिक पुलिस। लेकिन लोग मानते ही नहीं है। चालान  भर देंगे लेकिन गाड़ी तेज़ गति से ही चलाएंगे। देखेंगे की पुलिस का कोई मुलाज़िम खड़ा है की नहीं, नहीं है तो कर दो रेड लाइट जम्प। कुछ लोग तो ट्रैफिक पुलिस के साथ बे वजह की बहस करनी लग जाते है।

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ये सभी कारण है जिस की वजह से मैंने सड़को को उनकी हालत पे छोड़ दिया।

मैंने तो वही किया जो मुझे ठीक लगा। जिसमें मुझे आप सब की भलाई नज़र आयी। अब यह आप की मर्ज़ी है, आप लोग जैसा चाहोगे वैसा ही होगा”, लघुतम जी ने एक लम्बी सांस ली।

” आपने जो भी बातें कही हम उनसे सहमत है। लेकिन इन सड़को पर माल से भरी गाड़िया भी तो चलती है। पिछले साल दालों से भरा ट्रक पलट गया था ड्राइवर और कंडक्टर भी जख्मी हो गए थे। व्यपारिओ  का भी काफी माली नुक्सान हो गया था,” सुरजीत प्रधान ने कहा।

” मैं भी आपकी इस बात से सहमत हूँ की माल का आना जाना भी व्यापार के लिए अति जरूरी है। मैंने ये सोचा है की मालवाहक गाड़ियों क लिए एक अलग से रास्ता बनाया जाये। यह सड़क सिर्फ माल लेकर आ या जा रही गाड़ियों के लिए ही होगी। हलकी गाड़िओ या माल रहित गाड़ियों के प्रवेश की मनाही होगी, बाकि आप बताइये,” लघुतम जी ने अपना सुझाव पेश किया।

सभी मुख्य लोगो ने अपनी सहमति जताई।

चलो ठीक है यह तो था आपका पहला किया हुआ वायदा लेकिन अब बात करते है आपके किये हुए दुसरे वायदे की की आप शहर को जानेवाले रोजा

ना रेल यात्रिओ के लिए, जिनमे से बहुत सारे लोग तो शहर में अपनी रोज़ी रोटी के लिए आते जाते है। सवारी रेल गाड़ियों में इतनी ज्यादा भीड़ होती है की बैठने की बात दूर रही खड़ने की भी जगह नहीं होती। आप ने रोज़ाना रेल में सफर करने वालो से वायदा किया था
आगे की कहानी पड़े………….

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